प्रोडक्शन बढ़ने के बावजूद चीनी का स्टॉक कम रहने की संभावना, यहां समझें क्या है वजह
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि, ‘‘वैश्विक मांग-आपूर्ति संतुलन और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर चालू सत्र में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की अधिक कीमत मिलने की संभावना है.’’
चीनी के अधिक निर्यात और घरेलू खपत की वजह से इसके स्टॉक का स्तर कम रहने की संभावना है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
चीनी के अधिक निर्यात और घरेलू खपत की वजह से इसके स्टॉक का स्तर कम रहने की संभावना है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
चीनी का साल 2022 में सालाना आधार पर उत्पादन 6.8 प्रतिशत बढ़कर 3.33 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में चीनी के अधिक निर्यात और घरेलू खपत की वजह से इसके स्टॉक का स्तर कम रहने की संभावना है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इक्रा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे कुल कर्ज कम होगा, भले ही ऋण वित्तपोषित डिस्टिलरी का विस्तार जारी है.
चीनी की अधिक कीमत मिलने की संभावना
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा कि, ‘‘वैश्विक मांग-आपूर्ति संतुलन और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर चालू सत्र में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की अधिक कीमत मिलने की संभावना है.’’ उन्होंने कहा कि एथनॉल के लिए अधिक मात्रा में सुक्रोज हस्तांतरण ने सरकार की दृष्टि और नीतियों का समर्थन किया है.
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उन्होंने कहा कि इसलिए इससे चीनी से प्राप्ति बढ़ेगी और लाभ बढ़ेगा और बही-खाता मजबूत होगा. इक्रा द्वारा जिन चीनी कंपनियों के आंकड़ों पर निगाह रखी जाती है, उनका राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय व्यापारियों द्वारा निर्यात के उद्देश्य से लगभग 64-65 लाख टन चीनी के लिए पहले ही अनुबंध किया जा चुका है.
09:24 PM IST